Thursday, September 11, 2008

जानकारी इक अलग रचनाकार की

यानी शहरोज़ आपके लिए __________________ दादा हकीम फजीलत हुसैन फारसी में शायरी किया करते थे। बड़े चाचा असलम सादिपुरी उर्दू के उम्दा-उस्ताद शायर हुए। पिता हाजी सैयद मोहम्मद मुस्लिम को भी शायरी का शोक़...