भारतवर्ष के विभिन्न क्षेत्रों से अलगाववाद की राजनीति करने वाले नेताओं
के स्वर बुलंद होते देखे जाते रहे हैं। कभी धर्म के नाम पर तो कभी
क्षेत्र व भाषा के नाम पर। परंतु समय रहते ऐसी अलगाववादी आवाज़ें कभी खुद
दब गईं तो कभी दबा दी गईं। परंतु भारत में ही रहकर अलगाववाद की राजनीति
करने वाले नेता हैं...